प्रेम और खुद्दारी की खींचातानी में
कैसे जीवन को आसान किया जाता है?
अश्रुधार के सम्मुख कैसे सुदृढ होकर
अपने मोती का सम्मान किया जाता है?
ताजमहल को मलबों में परिवर्तित करके
कैसे इस दिल को शमशान किया जाता है?
तिरस्कार का तीक्ष्ण हलाहल भीतर रखकर
कैसे मानव को भगवान किया जाता है?
विगत पराजय का मूल्यांकन शेष रहे तो
कैसे भविष्य का तब संधान किया जाता है?
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