Saturday, November 8, 2014

आँखों में आँसूं थे और हाथ में एक कागज़, माँ और IAS की तैयारी

कल मेरी माँ ने फोन किया रात को बहुत हडबडाते हुए. मैंने पुछा क्या हुआ?

तो उसने कहा कि तैयारी कैसी चल रही है?

मैंने कहा बस लगे हुए हैं...बाकी तो भगवन जाने.

माँ ने बड़े मासूम भाव से कहा: भारत के प्रधानमंत्री वगेरा के बारे में तो पढ़ लिया है न?

मैंने पूछा ऐसा क्यूँ पूछ रही हो?

तो उसने कहा: अच्छा बताओ तो भारत का प्रथम प्रधानमंत्री कौन था?

मुझे हंसी आ गयी.

तो माँ ने कहा कि करोरपति में ये सवाल आया था माँ ने मुझे बताने के लिए अपनी डायरी में लिख लिया था कि कहीं मैं मिस न कर दूं ये सवाल.

मैं माँ को ये समझा न सका कि यह एक्जाम कितना बड़ा है और यह सवाल कितना छोटा.

लेकिन मैं यह समझ गया कि प्रेम और केयर योगदान नहीं भावना से नापी जाती है. 

आँखों में आँसूं थे और हाथ में एक कागज़ "The Legacy of Nehru".

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