मैं कुछ कहूँ,
फिर आप मेरे दिल कि बात समझे,
फिर तो बहुत देर लगेगी !
कहने सुनने कि ये बात नहीं है,
दिल कि बात है ये,
कोई काम नहीं है,
खुदा से मैं कुछ नहीं कहता,
पर वो दिल कि बात समझता है,
फिर आप क्यों नहीं समझते हैं !
मैं कुछ करूँ,
फिर आप ऐतबार करें,
फिर तो बहुत देर लगेगी !
कोई इम्तहान दे सकता हूँ,
कुछ भी हार सकता हूँ,
आपका भरोसा पा सकता हूँ,
पर वक्त जब लेगा इम्तहान,
और नाकाम हो गए हम,
फिर आप क्यों इम्तहान लेते हैं !
मैं हंस पडूँ,
और आप सब ठीक समझे,
फिर तो देर ही लगेगी !
~~merA Blog
No comments:
Post a Comment