Wednesday, November 5, 2014

जीवन को एक नया आयाम देती हो तुम....

अंधकार में जैसे जला हो कोई दीपक
और उसके इर्द गिर्द करवट बदलता अँधेरा
अपने नए अस्तित्व को पहचानता
अपना सर्वस्व त्याग कर
एक नयी अनुभूति करता
वैसे ही है तुम्हारे बाँहों का घेरा
जिसके दायरे में आके मुस्कुरा उठता है
दुनिया में सबसे उदास जीवन मेरा
नए आयाम मिलते हैं जीवन को मेरे
लगता है जैसे दुःख, दुःख नहीं रहे अब मेरे
एक नया एहसास कराती हो तुम
तुमने नहीं जाना, सहसा मुझमे कितनी उत्तर गयी हो तुम
कोई सुन्दर सा अभिशाप जैसे वर लिया
हाँ !! सच है
मेरे जीवन को है तुमने एक नया नाम दिया
ये कलम, जो पहले शांत थी
इसको पकड़ कर अब लिखना भी सिख लिया
हर पल एक नया एहसास कराती हो तुम
मुझमे एक नव चेतना जागती हो तुम
~~ अभिषेक तिवारी ‘ अजेय ‘

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